Tuesday, September 9, 2008

जल स्रोत एवं जल संग्रह कहां करें

जल सभी के जीवन के लिए अनिवार्य आवश्यकता है। किसी भी भवन में जल स्रोत जैसे बोरिंग, हैंडपंप, कुआं आदि किस दिशा में बनाया जाए। जल संग्रह वाली टंकी कहां रखी जाए या बनायी जाए, इसका पहले ही निर्धारण करने से जीवन भर सुकून और सुख मिलता है। आपको बता दें कि भूमिगत जल स्रोत या नल लगाने के लिए सबसे अनुकूल भाग भूखड का ईशान कोण होता है। बोरिंग पूर्व दिशा में है तो सुख-समृद्धि, पश्चिम में भूमि-संपत्ति लाभ, उत्तर में शांत व सुखी जीवन, दक्षिण में दम्पत्य सुख की हानि, ईशान में धन समृद्धि में उत्तरोत्तर वृद्धि, वायव्य में विवाद व कष्टमय जीवन, आग्नेय में संतान कष्ट, नैऋत्य में अकाल मृत्यु भय तथा मध्य भाग में बोरिंग कराने पर धन हानि होती रहती है। पानी की टंकी वायव्य कोण में रखनी चाहिए। अतः बोरिंग कराने से पहले एक बार वास्तु विचार करना जीवन भर के लिए सुखकारक हो सकता है।

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